बिहार में एक और पुल धराशायी, अब सीवान में नहर पर बना ब्रिज भरभरा कर गिरा, आवागमन ठप

0

बिहार में फिर से पुल हादसा हुआ है। चार दिन के अंदर दूसरा पुल भरभरा कर गिर गया। सीवान के महाराजगंज अनुमंडल के पटेढ़ा और गरौली गांव के बीच गंडक नहर पर पुल अचानक गिर गया। दरअसल, शनिवार सुबह अचानक पुल का एक पाया धंसने लगा। देखते ही पुल नहर में समा गया। हादसे के बाद दो गांव के बीच आवागमन बाधित हो गया है। इलाके में हड़कंप मच गया। लोग पुल के निर्माण कार्य पर सवाल उठा रहे हैं। 

कुछ दिन पहले ही विभाग नहर की सफाई करवाई गई थी

ग्रामीणों का कहना है कि 30 साल पहले बिहार सरकार ने इस पुल का निर्माण करवायाा। कुछ दिन पहले ही विभाग नहर की सफाई करवाई गई थी। साथ ही नहर की मिट्टी काटकर नहर के बांध पर फेंक दी गई थी। ग्रामीणों का दावा है कि इसी कारण पुल का पाया कमजोर हो गया। आज पाया टूट गया, जिससे पुल नहर में गिर गया। घटना के बाद प्रशासन ने जांच टीम का गठन किया है। वहीं पुल हादसे के बाद वहां पर दोनों ओर से दोनों गांव के लोग इकट्ठे हो गए। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले नहर की सफाई की गई थी, जिसमें यहां से मिट्टी काटकर नहर के बांध में फेंकी गई थी। इस से पुल का पिलर काफी कमजोर हो गया और ज्यादा लोड होने के वजह से यह घटना हुई है। बताया जा रहा है कि 30 फीट चौड़ा और 30 साल पुराना यह पुल था। वही ग्रामीणों का कहना था कि पुल टूटने के बाद भी अभी तक कोई विभाग के लोग जायजा लेने नहीं पहुंचे हैं। इसके टूट जाने की वजह से काफी मशक्कत का सामना करना पड़ेगा। बच्चे स्कूल नहीं जा पाएंगे और एक गांव से दूसरे गांव में आने जाने के लिए यही एक पुलिया ही सहारा था।
 

18 जून को बकरा नदी पर बना पुल गिरा था

बता दें कि 18 जून को अररिया जिले सिकटी प्रखंड में बकरा नदी पर बना पुल उद्घाटन से पहले ही पुल ध्वस्त हो गया था। 182 मीटर का पुल कुल तीन हिस्सों में बना था। दो पाए के साथ दो हिस्सा नदी में समा गया। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण योजना के तहत बने इस पुल की लागत 7.79 करोड़ रुपये थी। 182 मीटर लंबे इस पुल का निर्माण 2021 में शुरू हुआ था। शुरुआती दौर में यह 7 करोड़ 80 लाख की लागत का था, लेकिन बाद में नदी की धारा बदलने और एप्रोच सड़क को लेकर कुल 12 करोड़ की लागत का हो गया था। 

Leave A Reply

Your email address will not be published.