परीक्षा के एक दिन बाद ही क्यों कैंसिल हुआ यूजीसी-नेट का एग्जाम? जानिए क्या है पूरा विवाद

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शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित कराए गई यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द करने का एलान कर दिया है। परीक्षा आयोजित होने के एक दिन बाद ही सरकार ने परीक्षा रद्द करने का एलान कर सभी को चौंका दिया है। एनटीए द्वारा कराई जाने वाली नीट की मेडिकल एंट्रेस परीक्षा भी सवालों के घेरे में है और फिलहाल सुप्रीम कोर्ट इसकी समीक्षा कर रहा है। अब यूजीसी-नेट की परीक्षा रद्द होने से गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। गौरतलब है कि एनटीए ने इस बार ऑफलाइन तरीके से ओएमआर शीट पर परीक्षा कराई। देशभर में 317 केंद्रों पर 11.21 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी। हालांकि परीक्षा रद्द होने के बाद अब पूरी कवायद फिर से होगी।  शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर की नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट से मिले इनपुट के आधार पर यूजीसी नेट परीक्षा 2024 को रद्द करने का फैसला किया गया। इनपुट में परीक्षा में धांधली होने का दावा किया गया। परीक्षा की नई तारीखों का एलान जल्द कर दिया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा 'परीक्षा प्रक्रिया की सर्वोच्च स्तर की पारदर्शिता और पवित्रता बनाए रखने के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने फैसला किया है कि यूजीसी-नेट जून 2024 की परीक्षा को रद्द किया जाता है। नई परीक्षा कराई जाएगी और उसकी जानकारी जल्द साझा कर दी जाएगी। मामले की व्यापक जांच सीबीआई करेगी।' यूजीसी-नेट परीक्षा, असिस्टेंट प्रोफेसर और जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए देना जरूरी है।

क्या है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एक स्वायत्त निकाय है, जो देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करती है। परीक्षा पेपर तैयार करने से लेकर इसे परीक्षा केंद्र तक वितरित करने और परीक्षा पेपर जांच की जिम्मेदारी भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ही संभालती है। केंद्र सरकार ने साल 2017 में इसका एलान किया था और दिसंबर 2018 में एनटीए ने पहली यूजीसी-नेट की परीक्षा कराई थी। यूजीसी-नेट, नीट के अलावा एनटीए इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेस एग्जामिनेशन (मेन) भी आयोजित कराती है। इसी परीक्षा के आधार पर देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों जैसे आईआईटी और एनआईटी में एडमिशन मिलते हैं। हालांकि जेईई मेन के बाद जेईई एडवांस्ड लेवल की परीक्षा कराई जाती है और इसका आयोजन रोटेशन प्रणाली के आधार पर आईआईटी संस्थानों द्वारा कराई जाती है। इनके अलावा एनटीए ही CMAT और GPAT जैसी परीक्षाएं भी आयोजित कराती है। सीमैट देश के प्रबंधन संस्थानों में एडमिशन के लिए और जीपैट फार्मेसी संस्थानों में मास्टर्स प्रोग्राम में दाखिले के लिए कराए जाते हैं। फिलहाल एनटीए के प्रमुख यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी हैं। एनटीए की गवर्निंग बॉडी में अध्यक्ष समेत 14 लोग हैं। आईएएस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह एनटीए के डायरेक्टर जनरल हैं। साथ ही जेईई एडवांस्ड लेवल परीक्षा पूर्व में कराने वाली और आगे कराने वाली आईआईटी के तीन निदेशक, सेंट्रल सीट एलोकेशन बोर्ड की पूर्व में अध्यक्षता करने वाले एनआईटी के दो निदेशक, कैट परीक्षा की पूर्व में अध्यक्षता करने वाले आईआईएम संस्थानों के दो निदेशक, रोटेशन के आधार पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन और रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक-एक निदेशक, रोटेशन के आधार पर केंद्रीय विश्वविद्यालयों के एक प्रतिनिधि, इग्नू के वाइस चांसलर, नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल के अध्यक्ष, मनोविज्ञान के विशेषज्ञ डॉ. हरीश शेट्टी बोर्ड के सदस्यों में शामिल होते हैं।

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