‘हिंसा का महिमामंडन करना है तो…’, खालिस्तानी झांकियों को लेकर भारत ने कनाडा को दिखाया आईना…

0

कनाडा में नगर कीर्तन परेड की झांकियों में भारतीय राजनेताओं को लेकर हिंसक चित्रण करने पर भारत ने कड़ा विरोध जताया है।

नई दिल्ली ने कनाडा सरकार से कहा कि वह आपराधिक तत्वों को राजनीतिक सहारा देना बंद करे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मुद्दे पर मीडिया के सवालों के मंगलवार को जवाब दिए।

उन्होंने कहा, ‘कनाडा में चरमपंथी तत्वों की ओर से हमारे राजनीतिक नेतृत्व के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। पूरे कनाडा में भारतीय राजनेताओं के खिलाफ हिंसा की धमकी वाले पोस्टर भी लगाए गए हैं। आप यह जानते होंगे।’

प्रवक्ता ने कहा कि हमने इस तरह से इस्तेमाल की जा रही हिंसक छवियों के बारे में बार-बार अपनी चिंताओं को मजबूती से उठाया है।

पिछले साल, हमारी पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या को दर्शाने वाली एक झांकी का इस्तेमाल जुलूस में किया गया था। उन्होंने कहा कि हिंसा का जश्न मनाना और उसका महिमामंडन करना किसी भी सभ्य समाज का हिस्सा नहीं होना चाहिए।

लोकतांत्रिक देश जो कानून के शासन का सम्मान करते हैं, उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कट्टरपंथी तत्वों की ओर से डराने-धमकाने की इजाजत नहीं देनी चाहिए।

‘कनाडा में राजनयिक प्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित’ 
रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हम कनाडा में अपने राजनयिक प्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। हमारी उम्मीद है कि कनाडा सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि वे बिना किसी डर के अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में सक्षम हों।’

प्रवक्ता ने कहा कि हम कनाडा सरकार से फिर से अपील करते हैं कि वह कनाडा में आपराधिक और अलगाववादी तत्वों को सुरक्षित आश्रय व राजनीतिक स्थान प्रदान करना बंद करे।

जयशंकर की टिप्पणी पर क्या बोले मिलर
वहीं, कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की उस टिप्पणी को खारिज कर दिया कि ओटावा लोगों को देश में प्रवेश देने के मामले में ढिलाई बरतता है।

मिलर ने कहा कि छात्र वीजा पर कनाडा में प्रवेश करने वाले लोगों की आपराधिक रिकॉर्ड की अधिकारी जांच करते हैं। विदेश मंत्री जयशंकर ने शनिवार को कहा था, ‘हमने उनसे कई बार कहा कि वे ऐसे लोगों को वीजा, मान्यता या राजनीतिक क्षेत्र में जगह न दें जो कनाडा की खातिर हमारे लिए और हमारे संबंधों में समस्या पैदा कर रहे हैं।

लेकिन कनाडा सरकार ने कुछ नहीं किया।’ जयशंकर ने कहा था कि भारत ने 25 लोगों के प्रत्यर्पण की मांग की थी जिनमें से अधिकांश खालिस्तान समर्थक हैं लेकिन उन्होंने इस पर गौर नहीं किया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.