इसका मतलब आप लंबी छुट्टी पर हैं; CJI चंद्रचूड़ ने किससे किया सवाल; वकील बोले- जा रहा विंबलडन देखने…

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चंडीगढ़ मेयर चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने अपने आचरण के लिए बिना शर्त माफी मांग ली।

मसीह उस समय सुर्खियों में आए थे, जब चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान उन्होंने कई वोटों को अवैध करार दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने मसीह को जमकर लताड़ लगाते हुए चुनाव नतीजे को पलट दिया था, जिसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी वाले इंडिया गठबंधन से मेयर बना था। आज संक्षिप्त सुनवाई के दौरान अनिल मसीह की ओर से बिना शर्त माफी मांगी गई। अब इस मामले की सुनवाई 23 जुलाई को होगी। 

आप लंबी छुट्टी पर हैं, सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा
सुप्रीम कोर्ट में अनिल मसीह की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने बताया कि हमने बिना शर्त माफी मांगी है। उनसे मेरी लंबी बातचीत हुई।

वह पहला हलफनामा वापस ले लेंगे और इस अदालत की उदारता के सामने आत्मसमर्पण कर देंगे। यह बिना शर्त माफी है। इस पर वरिष्ठ वकील सिंघवी ने कहा कि हम सभी अदालत में हैं। यह बिना शर्त है और सब ठीक है।

‘बार एंड बेंच’ के अनुसार, अनिल मसीह के मामले में माफी मांगने के बाद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ठीक है हम 9 जुलाई को इस मामले को सुनेंगे।

इस पर फिर सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कृपया इसे एक हफ्ते बाद कर दें। सीजेआई चंद्रचूड़ ने सवाल किया, ”इसका मतलब है कि मिस्टर रोहतगी आप लंबी छुट्टी पर हैं।” इस सवाल के जवाब में वकील रोहतगी ने बताया कि हां, मैं विंबलडन में रहूंगा। बता दें कि इस साल एक जुलाई से 14 जुलाई के बीच विंबलडन टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है।

हलफनामा वापस लेंगे अनिल मसीह
इस सुनवाई के दौरान अनिल मसीह ने कहा कि वह अपना पिछला हलफनामा वापस ले लेंगे जिसमें कहा गया था कि वह अवसाद और चिंता से जूझ रहे हैं और जिसमें उन्होंने मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ के आरोपों से इनकार किया था।

चुनाव प्रक्रिया की एक कथित वीडियो रिकॉर्डिंग 31 जनवरी को ऑनलाइन लीक हो गई थी। इसके बाद, प्रतिवादी (मसीह) को राजनीतिक दलों के सदस्यों के साथ-साथ सोशल मीडिया द्वारा लगातार आलोचना का सामना करना पड़ा।

इसने प्रतिवादी को परेशान कर दिया उन्होंने हलफनामे में कहा था मैं अपने परिवार के सदस्यों सहित बेहद मानसिक आघात और तनाव में हूं।

‘गलत बयान देने के लिए क्यों न शुरू हो कार्यवाही?’
शीर्ष अदालत ने पहले मसीह को यह बताने के लिए नोटिस जारी किया था कि अदालत के समक्ष कथित तौर पर गलत बयान देने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के तहत उनके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि पीठासीन अधिकारी के रूप में मसीह के आचरण की दो स्तरों पर निंदा की जानी चाहिए।

पीठ ने कहा, “सबसे पहले, अपने आचरण से उन्होंने गैरकानूनी तरीके से मेयर चुनाव के नतीजे को बदल दिया है… दूसरे, 19 फरवरी को इस अदालत के समक्ष एक गंभीर बयान देते हुए, पीठासीन अधिकारी ने झूठ बोला, जिसके लिए उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”

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