पाकिस्तान में ये कैसी मतगणना! कैंडिडेट फाड़ रहे बैलेट पेपर, पुलिस का कोई पता नहीं…

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भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में 8 फरवरी को हुए मतदान के बाद आज 9 फरवरी को मतगणना हो रही है।

लेकिन हर ओर से मतगणना में धांधली चौंका देने वाली रिपोर्टें और वीडियो सामने आ रहे हैं। मतदान वाले दिन पाकिस्तान में धांधली, हिंसा और देशभर में मोबाइल फोन सेवा बंद करने की खबरें आई थीं।

इन खबरों के बीच पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने मतदान के समाप्त होने के 10 घंटे से अधिक समय बाद शुक्रवार देर रात चुनावों के नतीजों की घोषणा करनी शुरू की।

जैसे ही काउंटिंग शुरू हुई वैसे ही मतगणना की धज्जियां उड़ाते हुए उम्मीदवारों के कई वीडियो सामने आए। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) ने दावा किया कि पीएस-105 (कराची पूर्व) निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी कर्मचारियों से मतपत्र छीन लिए गए।

वहीं जमात-ए-इस्लामी (जेआई) ने आरोप लगाया कि मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) कार्यकर्ताओं ने कई मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया में तोड़फोड़ की।

पाकिस्तानी न्यूज पोर्टल डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इन घटनाओं के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में कराची में नकाबपोश लोगों को मतदान केंद्रों में घुसते हुए दिखाया गया है।

मतदान के दौरान पूरे पाकिस्तान में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया था। अब कहीं-कहीं इंटरनेट बहाल करने की खबर है।

जैसे-जैसे लोगों को इंटरनेट एक्सेस मिल रहा वे वीडियो शेयर कर रहे हैं। ये वीडियो विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों द्वारा सोशल मीडिया और व्हाट्सएप समूहों पर शेयर किए जा रहे हैं। 

पत्रकार नईमत खान ने भी ऐसा ही एक वीडियो अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर शेयर किया है।

इस वीडियो में नेशनल एसेंबली (एनए-242) से पीपीपी उम्मीदवार कादिर खान मंदोखाइल को दरवाजे को लात मारते हुए और मतपत्र पकड़े हुए मतदान केंद्र में घुसते हुए दिखाया गया है।

समर्थकों के समूह से घिरे, मंदोखाइल सीधे एक मतदान केंद्र पर गए और पुलिस और मतदान अधिकारियों की मौजूदगी में मतपेटियों को जमीन पर पटक दिया।

इस बीच, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने कहा कि उसने मतदान केंद्र पर हमले का संज्ञान लिया है। इसने संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को चुनाव अधिनियम की धारा 196 के तहत मंदोखाइल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का भी आदेश दिया।

पाकिस्तान में इस धारा के तहत, मतदान केंद्र या बूथ पर हमला करना, मतदान प्रक्रिया में बाधा डालना, मतपेटियां या कागजात छीनना और मतदान कर्मचारियों को डराने-धमकाने का प्रयास जैसे अपराध कानून के तहत दंडनीय हैं। 

पत्रकार नईमत खान द्वारा शेयर किए गए कराची के अन्य वीडियो में, टीएलपी और पीपीपी ने एमक्यूएम-पी पर कराची के एनए-232 और एनए-246 निर्वाचन क्षेत्रों में धांधली और फर्जी मतदान करने का भी आरोप लगाया।

एक वीडियो में जमात-ए-इस्लामी नेता हाफिज नईमुर रहमान ने एमक्यूएम-पी पर बलदिया टाउन में धांधली का आरोप लगाया है।

कुल मिलाकर पाकिस्तान में अराजकता का माहौल है। मतदान बृहस्पतिवार शाम पांच बजे तक हुआ लेकिन ईसीपी ने शुक्रवार देर रात तीन बजे तक यह नहीं बताया कि कौन सी पार्टी आगे है।

राजनीतिक दलों ने इस देरी को लेकर शिकायत की और चुनाव प्राधिकरण पर सवाल उठाया जिसके बाद ईसीपी ने सभी प्रांतीय चुनाव आयुक्तों और चुनाव अधिकारियों को आधे घंटे के भीतर परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया और कहा कि ऐसा नहीं करने पर उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

इससे पहले, चुनाव अधिकारियों ने पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांतों में अधिकतर सीट पर ‘पीटीआई’ की ‘‘स्पष्ट जीत’’ के बाद मीडिया में परिणाम जारी करना बंद कर दिया था।

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में हैं और उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध है। खान (71) की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रत्याशी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने उनकी पार्टी को उसके चुनाव चिह्न क्रिकेट का ‘बल्ला’ से वंचित करने के चुनाव आयोग के फैसले को बरकरार रखा है।

पाकिस्तान चुनाव आयोग के अनुसार, नेशनल असेंबली की सीटों के लिए कुल 5,121 उम्मीदवार दौड़ में हैं। इनमें 4,807 पुरुष, 312 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर हैं। चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए 12,695 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनमें 12,123 पुरुष, 570 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर हैं।

इस चुनाव में, बिलावल भुट्टो-जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) भी शामिल है, जिन्हें पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है।

नेशनल असेंबली की 336 सीट में से 266 पर ही मतदान कराया जाता है लेकिन बाजौर में, हमले में एक उम्मीदवार की मौत हो जाने के बाद एक सीट पर मतदान स्थगित कर दिया गया था।

अन्य 60 सीट महिलाओं के लिए और 10 अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं और ये जीतने वाले दलों को आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर आवंटित की जाती हैं। नई सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 265 सीट में से 133 सीट जीतनी होंगी।

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